नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत शहद उत्पादन और उसके निर्यात के मामले में तेजी से उभरा है। लेकिन, शहद उत्पादन में उपयोग होने वाले छत्तों का रखरखाव एक समस्या है, जिसके कारण शहद की शुद्धता प्रभावित होती है। भारतीय वैज्ञानिकों ने मधुमक्खी-पालकों के लिए एक ऐसा छत्ता विकसित किया है, जो रखरखाव में आसान होने के साथ-साथ शहद की गुणवत्ता एवं हाइजीन को बनाए रखने में भी मददगार हो सकता है। केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ), चंडीगढ़ और हिमालय जैव-संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी), पालमपुर के वैज्ञानिकों ने मिलकर मधुमक्खी पालन में उपयोग होने वाले पारंपरिक छत्ते में सुधार करके इस नये छत्ते को विकसित किया है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।