यूरोपीय फुटबाल संस्था (यूएफा) ने घोषणा की कि यूरोपीय फुटबाल चैंपियनशिप (यूरो) को 2021 तक स्थगित कर दिया गया है। पहले यह टूर्नामेंट इस साल जून और जुलाई में आयोजित किया जाना था। यूएफा ने कहा कि टूर्नामेंट की नयी प्रस्तावित तिथियां अगले साल 11 जून से 11 जुलाई होंगी। यूरो 2020 को अब यूरो 2021 के नाम से जाना जाएगा। यूएफा ने बयान में कहा, ‘‘इस कदम से घरेलू प्रतियोगिताओं को पूरा किया जा सकता है जिन्हें अभी कोविड-19 कोरोना वायरस के कारण रोक दिया गया है।’’ यह घोषणा करने से पहले यूएफा ने अपने राष्ट्रीय संघों के अलावा क्लबों और खिलाड़ियों की संस्थाओं के साथ टेलीकान्फ्रेंस की। यह कदम कोरोना वायरस महामारी के कारण विश्व भर में खेल गतिविधियां बंद होने के कारण लिया गया है। इस महामारी के कारण कई देशों में आपात स्थिति पैदा हो गयी है और सीमाएं बंद कर दी गयी है। यूएफा ने कहा, ''खेल में शामिल होने वालों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है। मैचों के आयोजन में शामिल राष्ट्रीय लोक सेवाओं पर गैरजरूरी दबाव बनाने से बचने के लिये भी यह कदम उठाया गया।'' यूरोप की अधिकतर घरेलू लीग के मैच नहीं हो रहे हैं। क्लबों के बीच होने वाली यूएफा चैंपियन्स लीग और यूरोपा लीग को भी स्थगित किया जा चुका है। लेकिन यूरोपीय चैंपियनशिप के स्थगित किये जाने से इन लीग को यात्रा संबंधी पाबंदियां हटने के बाद पूरा किया जा सकता है। यूरोप कोरोना वायरस महामारी का केंद्र बना हुआ है। फ्रांस ने भी इटली और स्पेन की तरह कड़े उपाय अपनाये। यूरोपीय नेता भी महाद्वीप की गैर जरूरी यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं। इटली में अब तक 2100 लोगों की मौत हो चुकी है। यूरो 2020 का उदघाटन मैच रोम में खेला जाना था। इटली फुटबाल महासंघ के गैब्रिले ग्रेविना पहले ही यूरो को स्थगित करने की अपील कर चुके थे। यूरो 2020 महाद्वीप के 12 शहरों एम्सटर्डम, बाकू, बिलबाओ, बुडापेस्ट, बुखारेस्ट, कोपेनहेगेन, डबलिन, ग्लास्गो, लंदन, म्यूनिख, रोम और सेंट पीटर्सबर्ग में खेला जाना था। यूरो के सेमीफाइनल और फाइनल लंदन में होने थे। यूरो 2020 के स्थगित होने का असर महिला यूरोपीय चैंपियनशिप पर पड़ सकता है जिसे अगले साल सात जुलाई से एक अगस्त के बीच इंग्लैंड में आयोजित किया जाना है। यूरो में भाग लेने वाली 24 में से 20 टीमें पहले ही क्वालीफाई कर चुकी हैं। प्लेऑफ के बाद बाकी चार टीमों का पता चलेगा। प्लेआफ इस महीने के आखिर में होने थे लेकिन अब इन्हें बाद में आयोजित किया जाएगा।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।