सोनभद्र : कोरोना वायरस को परास्त करने के लिए 23 घंटे के जनता कर्फ्यू के दौरान वैसे तो कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आएंगे। इसी में एक है रविवार को जनपद में हादसों और मरीजों के कम होने का आंकड़ा। यह संयुक्त चिकित्सालय में प्रतिदिन बनने वाली पर्ची के आधार पर तैयार किया गया है। इस 23 घंटे में इमरजेंसी में महज 30 रोगी ही पहुंचे, जबकि आम दिनों में यह आंकड़ा जहां ओपीडी में 1500 होते हैं वहीं इमरजेंसी में 12 घंटे के दौरान 60 से 80 रोगी पहुंचते हैं। दरअसल, ओपीडी बंद होने पर इमरजेंसी में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या दो गुनी कर दी गई है, जबकि आम दिनों में इमरजेंसी में महज एक-एक चिकित्सक, फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय ही रहते थे। सोमवार को इमरजेंसी में दो चिकित्सक, दो फार्मासिस्ट व दो वार्ड ब्वाय की ड्यूटी तीन-तीन शिफ्ट में चलती रही। महज एक म्योरपुर में सड़क हादसा हुआ। संयुक्त चिकित्सालय में एंटी रैबिज इंजेक्शन लगवाने वालों की भीड़ रही। अधिक भीड़ होने पर कक्ष के दरवाजे पर दो होमगार्डों की ड्यूटी लगानी पड़ी और एक-एक रोगी को इंजेक्शन के लिए भेजा गया। गैर प्रांत से आने वाले हर
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।