सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की रिहाई को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अब्दुल्ला की रिहाई को लेकर अगले हफ्ते जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से उमर अब्दुल्ला हिरासत में हैं। गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले 6 महीने से ज्यादा समय से नजरबंद किए गए फारुख अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की बेंच ने केन्द्र की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा कि अगर अब्दुल्ला को जल्द रिहा नहीं किया गया तो इस नजरबंदी के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेगी। पीठ ने कहा, ''यदि आप उन्हें रिहा कर रहे हैं तो जल्द कीजिए अन्यथा हम इस मामले की गुणदोष के आधार पर सुनवाई करेंगे।'' पीठ ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन के अधिवक्ता ने सूचित किया कि इस मामले में पेश हो रहे सालिसीटर जनरल तुषार मेहता इस समय दूसरे कोर्ट में बहस कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई के लिए कोई नजदीक की तारीख निर्धारित की जाए। इस पर पीठ ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था की वजह से इस समय सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ छह पीठ काम कर रही हैं और उसे नहीं मालूम कब अगली बारी आएगी। पीठ ने कहा, ''संभवत: अगले सप्ताह हम बैठ रहे हैं और इस मामले को उस समय लिया जा सकता है।'' सारा अब्दुल्ला पायलट ने इस याचिका में जम्मू-कश्मीर लोक सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अब्दुल्ला को नजरबंद करने के आदेश को चुनौती दी है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।