,रामनगर।गरीबों को फ्री में राशन देने के लिए सरकार ने घोषणा तो कर दी है। लेकिन धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए इसके लिए कोई तैयारी नहीं हो पा रही हैं। (ब्लॉक के कार्यालय बंद है तो पूर्ति विभाग के पास कोई आंकड़ा नहीं है।) केवल नगर पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों को लगाकर सर्वे करवा रहे हैं ।अगर ग्रामीण क्षेत्र का सर्वे पहुंचा तो समझ लो कि वह मनमाने तरीके से सर्वे कराया गया है। सरकार ने कहा है कि गरीबों को 3 महीने का राशन फ्री दिया जाएगा जिसमें रिक्शा चालक, ठेलिया चालक ,पटरी दुकानदार ,दिहाड़ी मजदूर, जॉब कार्ड धारक आदि कटेगरियाँ निर्धारित की हैं तथा अंतोदय कार्ड धारक अनिवार्य रूप से पात्र बताए गए हैं। अब सवाल यह उठता है कि तमाम मजदूर ,ठेलिया चालक पंजीकृत नही हैं ऐसे में जिले के ब्लॉकअधिकारियों से कहा गया है।अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में गरीबों का सर्वे कराकर सूचना तुरंत पूर्ति विभाग के पास भेजे। लेकिन सवाल है कि सारे ब्लॉक कार्यालय बंद पड़े हुए हैं ।अधिकारी आते नहीं हैं।सचिव लखनऊ में हैं। ऐसे में जो सर्वे हो रहा होगा होगा उसमें तमाम तरह की गलतियां रहने की संभावनाएं बनी हुई है। पूर्ति विभाग के अधिकारी कहते हैं कि ब्लॉक के कर्मचारियों को पत्र गया है। सर्वे कर तत्काल सूचना देने को कहा गया है।ठीक इसके विपरीत नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी द्वारा मोहल्ला मोहल्ला कर्मचारी भेजकर सर्वे कराया जा रहा है ।इसकी सूची पूर्ति बिभाग को दी जाएगी। ।खंड विकास अधिकारी कहते हैं कि उन्होंने सर्वे करवा लिया है ।सचिवों ने प्रधानों से पूछ पूछ कर सूची बनाई है जो जल्दी भेज दी जाएगी । हड़बड़ी में बनी सूची गलतियो से भरी होंगीं यह माना जा रहा है। सरकार की मंशा है कि कोई भी गरीब व्यक्ति सहायता से न बचे। अगर कहीं गड़बड़ी हुई तो उसकी मंशा पर पानी फिरेगा। वेसे कहा जा रहा है कि पात्र गृहस्थी सफेद कार्ड धारक गरीबों के बने हैं जिनमें किसान गरीब मजदूर शामिल हैं। ओला भी गिरे हैं।फसल भी चली गई ।सभी लोग परेशान हैं ।ऐसे में सभी को राशन देने की व्यवस्था की मांग भी हो रही है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।