फर्रुखाबाद। जिला प्रशासन जिस तरह से कोरोना को लेकर सतर्कता दिखा रहा है उसकी हकीकत तब सामने आयी जब पता चला की चीन से आये युवक की जिला प्रशासन को कोई खबर तक नही लगी और वह तकलीफ होनें पर लोहिया अस्पताल पंहुचकर भर्ती हो गया। मरीज का कहना है कि कई बार कहने के बाद भी उसको टरकाया गया। बीते दिन फतेहगढ़ के दुर्गाकालोनी निवासी कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के दुर्गा कालोनी निवासी 39 वर्षीय कौशलेन्द्र पुत्र दशरथ क बीती शाम लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया। वह संदिग्ध कोरोना पीड़ित है। कौशलेन्द्र चीन में एक कम्पन्नी में मैनेजर है। वह बीते 25 फरवरी को दिल्ली आ गये। जिसके बाद उनका दिल्ली में जाँच की गयी। 26 फरवरी को वह फतेहगढ़ अपने घर पंहुचे। बीते 20 मार्च को उन्हें कुछ बुखार की शिकायत दिखी। जिसके बाद उन्होने हेल्प ला इन की मदद से लोहिया अस्पताल में सम्पर्क साधा लेकिन उन्हें बुखार बताकर चलता किया गया। लेकिन बाद में सीएम योगी आदित्य नाथ के कार्यालय में फोन कर शिकायत दर्ज करायी। जिसके बाद वह एसीएमओ डॉ० राजवीर के द्वारा फोन पर बुलाकर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया। अब समझने वाले बात यह है कि ईश्वर करे की निगेटिव रिपोर्ट आये। लेकिन अब यदि रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि होती है तो केबल अफसोस करने के अलावा कुछ नही मिलेगा। आखिर जिला प्रशासन को खबर क्यों नही लगी। पुलिस का खुफिया तन्त्र, बीट सिपाही और अन्य व्यवस्था को भनक क्यों नही लगी। जबकि चीन या विदेश जाने वाले हर व्यक्ति के बारे में जिला प्रशासन की नजर होती है। लेकिन कौशलेन्द्र के मामले में भनक क्यों नही लगी। कही ना कही जिला प्रशासन से बड़ी चुक हुई है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।