अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए आज 375 कैदी जेल से रिहा किये जाएंगे। इस बात की जानकारी न्यूयॉर्क के मेयर बिल डे ब्लासियो ने शुक्रवार को संवाददाताओं को दी। उन्होंने कहा, “आज दिन की समाप्ति तक हम 2०० से 375 कैदियों को रिहा करने जा रहे हैं।” इससे पहले अहिंसक वारदाताओं में एक वर्ष से कम की सजा पाये 200 कैदियों को बुधवार को रिहा किया गया था। बिल ने कहा कि इसके साथ ही पेरोल का उल्लंघन करने वाले सात सौ कैदियों को रिहा की सिफारिश सप्ताह के शुरू में की जाएगी। उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने न्यूयॉर्क शहर को अपनी चपेट में ले लिया है। अब तक यहां 281 लोग की इसके कारण जान जा चुकी है तथा 21,873 लोग इससे प्रभावित हैं। पिछले साल के अंत में चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैल चुका है। कोरोना के सबसे अधिक पॉजिटिव केसों के मामलों में अमेरिका पहले स्थान पर पहुंच गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 81,321 हो गई है। बता दें कि इस बीमारी के कारण यूरोप और न्यूयॉर्क की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गयी हैं। अमेरिका में कारोबारियों,अस्पतालों और सामान्य नागरिकों की मदद करने के लिए अभूतपूर्व 2,200 अरब डॉलर के आर्थिक पैकेज को मंजूरी दी गयी है। इस योजना में हर वयस्क को 1,200 डॉलर और बच्चे को 500 डॉलर दिए जाएंगे। दुनिया भर में कम से कम 2.8 अरब लोग यानी धरती की एक तिहाई से अधिक आबादी पर लॉकडाउन की वजह से यात्रा करने पर रोक लगी हुई है। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस के खिलाफ लड़ाई में कीमती समय बर्बाद करने के लिए दुनिया के नेताओं को फटकार लगाई और कहा कि हमने पहले मौके को गंवा दिया और अब यह दूसरा अवसर है जिसे नहीं गंवाना चाहिए। इस बीमारी के कारण 22,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।