लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार ने बिजली विभाग के दस अभियंताओं व एक फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। इन सबके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। यह मामला जालौन में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना वर्ष 2005-06 का है। इन अभियंताओं पर मानक के अनुरूप काम न कराने , भ्रष्टाचार व षडयंत्र कर सरकारी धन की क्षति करने व गबन करने के आरोप है। इनमें तत्कालीन अधिशासी अभियंता सुबोध कुमार जैन, एसडीओ रमेश चंद्र जायसवाल, एसडीओ जीएन मेहरोत्रा, एसडीओ बाबू लाल, एसडीओ अमर पाल, अवर अभियंता सोहन स्वरूप कटियार, अवर अभियंता राजीव कुमार पुष्कर, अवर अभियंता अनिल कुमार सिंह व अवर अभियंता राजवीर सिंह शामिल हैं। इन अधिकारियों पर भारतीय दंड विधान की धारा 420, 409, 120 बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में मुकदमा चला कर कार्रवाई होगी। हैदराबाद की फर्म मेसर्स आईवीआरसीएल के खिलाफ भी धारा 409 , 120 बी के तहत मुकदमा होगा। कंपनी के प्रतिनिधि भीम सेन यादव पर भी 408 व 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कराने को कहा गया है। इन पर मानक विहीन कार्य, फर्म के दुरभिसंधि कर भ्रष्टाचार व षडयंत्र करना व फर्जी मेजरमेंट का सत्यापन कर भुगतान कराने के आरोप शामिल हैं।
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देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।