लखनऊ। राजधानी में लॉकडाउन का असर सबसे ज्यादा दिखा। पुलिस ने ज्यादा सख्त रूख अपनाया। जिससे जगह-जगह पर सड़क पर निकले लोगों और पुलिस के बीच तीखी नोंक झोक हुई। जगह-जगह बैरीकेडिंग से चैराहों पर सन्नाटा देखने को मिला। हांलाकि सब्जी व राशन की दुकानों पर भीड़ नजर आई। पुलिस की इस सख्ती से चिकित्सक से लेकर कई विभाग के कर्मचारी परेशान रहे। कहीं कहीं तो हाथापाई तक की नौबत तक आ गयी तो कहीं पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी। कोरोना को देखते हुए लॉकडाउन के तहत लखनऊ शहर के भीतर और बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रखी है। ये बैरिकेडिघ्ंग शहर में इको गार्डन, के. के. सी, हुसैनगंज, बार्लिंगटन व इंजीनियरिंग चैराहा, कपूरथला, आईटी चैक परिवर्तन चैक समेत कई जगहों पर लगाया गया है। इसकी वजह से इन जगहों से गुजरने वाले लोगों और पुलिस के बीच काफी नोंक झोंक हुई। केजीएमयू के पैरामेडिकल विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद जैन ने भी आरोप लगाया कि उनके पास सब कागजात होते हुए भी उनकी गाड़ी का चालान किया गया। जबकि ठाकुरगंज में काम करने वाली एक महिला बैंक कर्मचारी से पुलिस की तीखी झड़प हो गई। महिला ने कहा कि स्कूटर इंडिया से ठाकुरगंज आने में पुलिस ने बेवजह ही उन्हें परेशान किया। महिला ठाकुरगंज में स्थित एक बैंक में कर्मचारी है। महिला का आरोप था कि उसके पास बैंक का आईकार्ड और चाबी दिखाने पर भी पुलिस ने उन्हें बेवजह परेशान किया। जिसकी वजह से वह बैंक में काफी देरी से पहुंची। लॉकडाउन के दौरान हजरतगंज, नरही सहित आस-पास के इलाकों में सन्नाटा दिखा लेकिन नाका हिंडोला, रानीगंज, बांसमंडी, राजेन्द्र नगर में लोगों को घर के अंदर रहने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। साथ ही पुलिस को गली-मुहल्लों से लेकर नुक्कड़ तक बैरिकेडिंग लगानी पड़ी। हालांकि दूध, सब्जी, राशन व नवरात्रि की सामग्री खरीदने के लिए लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। बता दें कि, हजरतगंज चैराहे के चारों तरफ से बैरिकेडिंग लगा दी गई। इससे निशातगंज, कैसरबाग, चारबाग व लोहिया पथ की तरफ से आने वाले वाहन चालकों को प्रवेश नहीं मिला। वहीं नाका हिंडोला क्षेत्र में सुबह दूध और दवाईयां खरीदने के लिए लोग निकले। इससे कुछ ही देर में सड़कों पर भीड़ इकट्ठा हो गई। जिसके बाद नाका पुलिस ने मोर्चा संभाला और लोगों को घरों के अंदर जाने की अपील की। बंगला बाजार व एलडीए कॉलोनी तथा आशियाना में पुलिस ने लाठियां फटकार कर दुकानें बंद कराई। पुलिस पूरे टाइम गश्त करती रही। दुकानों पर बढ़ती भीड़ देख पुलिस ने दुकानें बंद करा दी। पहले बंगला बाजार में पुलिस अधिकारी माइक से अनाउंसमेंट कर रहे थे कि दुकानों पर ज्यादा भीड ना लगाएं। लेकिन जब लोगों की भीड़ बढ़ने लगी तो उन्होंने दुकानें बंद कराना शुरू कर दिया। यही हाल आशियाना में भी रहा। यहां भी दुकानें बंद हो गई। सब्जी की दुकानों पर भी भीड़ होते देख पुलिस ने लोगों को हटाया। बैरिकेडिंग से पूरे बंगला बाजार को दोनों तरफ से सील किया गया था कारों का प्रवेश रोक दिया गया था। केवल दो पहिया वाहन ही आ जा रहे थे। इसी तरह पुराने जेल रोड पर पुलिस चेकिंग कर रही थी। बिना वजह सड़क पर आने वालों को रोककर उनके वाहनों का चालान कर रही थी। कुछ ऐसा ही नजारा अवध अस्पताल कानपुर रोड चैराहे का भी था। यहां भी पुलिस आने जाने वालों को रोककर उनसे पूछताछ कर रही थी। बिना वजह निकले लोगों को पुलिस ने कई बार लाठियां दिखाकर दौड़ाया। कुछ गाडियों का चालान भी किया गया। वहीं लखनऊ में मंगलवार देर शाम तक कुल 112 एफआइआर दर्ज की जा चुकी है। इनमें 87 मामले सोमवार को दर्ज हुए थे। पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय के मुताबिक एफआइआर की कार्रवाई लगातार जारी है। मंगलवार को 1383 गाडियों के चालान किए गए हैं। 60 टीमें लगाई गई हैं, जो जिले की सीमा व अन्य स्थानों पर मुस्तैद हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वह इमरजेंसी की स्थिति में डायल 112 की मदद लें। किसी भी आपात काल में पुलिस उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार है। इमरजेंसी सेवाओं में कहीं कोई बाधा न आए, इसके लिए पुलिस टीम को अलर्ट किया गया है। स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों व डॉक्टरों को बेवजह रोका नहीं जाएगा। मीडियाकर्मियों के लिए भी यही आदेश जारी किए गए हैं। अगर इमेरजेंसी सेवाओं के अलावा अन्य लोग निर्देशों का उल्लंघन करेंगे तो पुलिस उनसे सख्ती से निपटेगी। पुलिस आयुक्त का कहना है कि लॉक डाउन में जारी सभी आदेशों का पालन पुलिस कर रही है। आवश्यक्ता पडने पर प्रशासन से बात कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।