लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। वहीं पिछले हफ्ते में लगातार मौसम गर्म हो रहा था, और इस बात की उम्मीद की जा रही थी। बढ़ते तापमान में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी धीरे-धीरे कम होता जाएगा। लेकिन शुक्रवार को लगभग पूरे यूपी में हुई बारिश ने वैज्ञानिकों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। बरसात के बाद शहरों में ह्यूमिडिटी 3 गुना तक बढ़ गई है। किसी भी वायरस के जिंदा रहने और उसे फैलने के लिए ह्यूमिडिटी और तापमान का बड़ा अहम रोल होता है। लगातार ह्यूमिडिटी के कम होने और तापमान के बढ़ने से इस बात की उम्मीदें बढ़ गई थी कि वायरस का प्रकोप धीरे धीरे कम हो सकता है। हालांकि इस बारे में कोई पुख्ता प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है। लेकिन बारिश होने के बाद चिंता थोड़ी बढ़ गई है। कोई भी वायरस सामान्य तौर पर ह्यूमिडिटी ज्यादा होने और तापमान कम होने में ज्यादा देर तक जिंदा रह सकता है सामान्य तौर पर ह्यूमिडिटी कम होने और ज्यादा तापमान में किसी वायरस की लाइफ साईकल घट जाती है लेकिन जैसे ही ह्यूमिडिटी बढ़ती है और तापमान घटता है। वैसे ही सामान्य तौर पर किसी वायरस के जिंदा रहने की संभावना भी बढ़ जाती है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि बवअपकम-19 वायरस के बारे में अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन आज हुई बारिश की वजह से चिंता तो बढ़ ही गई है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।