भोपाल। कोरोना वायरस को लेकर मध्यप्रदेश के जबलपुर उच्च न्यायालय ने प्रदेश के तहसील, जिला न्यायालय व पारिवारिक न्यायालयों के लिए न्यायालय में चल रहे प्रकरणों को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं । जसमें महत्वपूर्ण मामलों में ही सुनवाई करने के लिए निर्देशित किया गया ओर हो सके तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही सुनवाई की जाए। प्रदेश में कोरोना वायरस की धमक से क्या विधानसभा, मंत्रालय में तहलका मचा दिया है। इसी बीमारी से अब न्यायालय को भी दूरी बनाए रखने के लिए दिशा जारी कर दिया। जिससे इस बीमारी से बचाव किया जा सके। इन निर्देशों के पूर्व 16 मार्च को जारी दिशा निर्देशों की निरंतरता में Coronavirus (COVID-19), के प्रकोप के मद्देनजर एहतियाती उपायों के संबंध अतिरिक्त निर्देश जिला स्तर पर और आउटस्टेशन के सभी न्यायालयों को जारी किय गय गए है। माननीय उच्च न्यायालय के अधिनस्त सभी अदालतें केवल जमानत एब स्थगन प्रकरणों की सुनवाई 31 मार्च तक करेंगी । और बाकी मामलों में अंतिम बहस सहित मामले आगे स्थगित कर दिया जाएगा। अधीनस्थ न्यायालयों पर लागू इकाई मानदंड पारिवारिक न्यायालय तक निलंबित रहेंगे। इससे पहले कोई भी कैदी नहीं बनाया जाएगा तक अधीनस्थ न्यायालय और यदि किसी का उत्पादन ऐसे व्यक्ति अपरिहार्य हैं, वीडियो की सुविधा कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग किया जाएल शेष मामलों में रिमांड और सत्र न्यायाधीश, पर्याप्त संख्या में ड्यूटी का न्यायिक प्रतिनियुक्ति करेंगे रिमांड के लिए जिलों में स्थित जेलों में मजिस्ट्रेट काम, जिससे मानव संपर्क से बचा जा सके । . जिला प्रशासन, स्वास्थ्य अधिकारी, बार एसोसिएशन कोर्ट में स्वच्छता / सेनेटाइजेशन सुनिश्चित करने के लिए परिसर के लिए जिला और सत्र न्यायाधीशों के साथ समन्वय करना होगा। साथ ही जिला और सत्र न्यायाधीश और प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति को रोकना सुनिश्चित करेगा और तब तक उपस्थिति में लिया जाएगा
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।