कौशाम्बी। रोजी रोटी के चक्कर में प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक मॉल में काम करने गए लोगों को रोजगार तो मिल नहीं सका बल्कि कोरोनावायरस के संभावित महामारी प्रशासन द्वारा घोषित किया गया लॉक डाउन के कानून के चपेट में मजदूर आ गए जिससे मजदूरों के परिवार के सामने दो जून की रोटी के लाले पड़ गए जिस पर मजदूरों ने फैसला किया कि वह वापस अपने गांव लौट जाएंगे लेकिन रेलवे से लेकर बस के साधन को बंद कर दिए जाने से मजदूरों के सामने वाहन की दिक्कत उत्पन्न हो जिस पर मजदूरों ने पैदल गांव का सफर तय करना शुरू किया लेकिन इसी बीच उन्हें कौशांबी सीमा में पुलिस के जवानों ने रोक लिया और मजदूरों को नगर पंचायत अझुवा में बनाए गए रैन बसेरा में शरण दी गई है जहां प्रशासन द्वारा उन्हें बिस्तर और भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है साथ ही प्रदेश से लौटे लोगों की कोरोना वायरस की जांच भी प्रशासन कराएगा पीड़ित मजदूरों ने बताया कि लॉक डाउन लगाए जाने से माल बंद हो गए माल का मालिक ने पैसा तनख्वाह देने से भी मना कर दिया ये सभी 19 फरवरी को रींवा मध्यप्रदेश से एक ठेकेदार के साथ कमाने लखनऊ गए थे खाने की और पैसे की समस्या होने पर और लॉक डाउन होने पर पैदल ही लखनऊ से रींवा मध्यप्रदेश अपने घर मजदूर जा रहे थे जिसे सिराथू एस डी एम राजेश श्रीवास्तव को जानकारी मिलने पर कड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ नीरज सिंह से थर्मल स्क्रीनिंग करवाकर कुछ नास्ता पानी उपलब्ध करवाया नगर पंचायत अझुवा के अधिशासी अधिकारी सूर्य प्रकाश गुप्त को सूचना प्रेषित करते हुए नगर पंचायत वार्ड नं 11 बने रैन बसेरे में ठहराने का इंतजाम करने का आदेश उन्होंने दिया है। लखनऊ से पैदल आकर नगर पंचायत में ठहरे मजदूर श्रमिक यदि कोरोना वायरस से संक्रमित हुए तो क्या होगा?इस आशंका नगर पंचायत के वार्ड नं 11 सभासद नीलम वैश्य ने नगर पंचायत अधिशाषी अधकारी सूर्य प्रकाश गुप्ता को लिखित तहरीर देकर ठहरे हुए श्रमिकों को नगर से अन्यत्र कहीं कर के समुचित व्यवस्था करने की प्रार्थना पत्र भी दिया है । और क्षेत्र को सेनेटाइज करने की मांग की जब इस विषय मे अधिशाषी अधिकारी से वार्ता की गई तो उन्होंने माना कि प्रार्थना पत्र और लोगों को नगर में इस तरह बाहरी लोगों को ठहरने से आक्रोश है जल्द ही अधिकारियों से संपर्क कर इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।