गोरखपुर। ऑटोमोबाइल सेक्टर में कोरोना वायरस का असर साफ दिख रहा है। बीएस-4 मानक की सैकड़ों गाड़ियां अभी भी शो-रूम और गोदामों में खड़ी हैं। जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन बढ़ता देख एजेंसी मालिकों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं। बाइक और स्कूटर मिलाकर विभिन्न कंपनियों की 1500 से अधिक गाड़ियां फंस गई हैं। शोरूम के शटर गिरने और ग्राहकों की आमद न होने से एजेंसी मालिकों की नजर बिक्री की समयसीमा बढ़ाए जाने को लेकर सरकार की तरफ है। बीएस-4 मानक की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च तक ही होना है। उसके बाद बीएस-6 मानक की ही गाड़ियां बिकेंगी। हीरो, एक्टिवा, बजाज, टीवीएस, यामहा से लेकर होंडा की पापुलर ब्रांड की गाड़ियां तो आउट ऑफ स्टाक हो गई हैं, लेकिन कई मॉडल की गाड़ियों की बिक्री पर संकट है। बीएस-6 मानक की गाड़ियों की उपलब्धता से लोग बीएस-4 को तरजीह भी नहीं दे रहे हैं। हीरो कंपनी की बाइक और स्कूटर की बिक्री करने वाले एजेंसी मालिक नितिन मातनहेलिया का कहना है कि ‘शो-रूम में 100 से अधिक बाइक और स्कूटर बची हुई हैं। कंपनियां इन गाड़ियों पर 3 हजार से 15 हजार तक की छूट दे रही है। इसके बावजूद खरीदार नहीं मिल रहे हैं। आरटीओ की तरफ से सभी एजेंसी मालिकों को हिदायत दी जा चुकी है कि गाड़ियों की बिक्री 25 मार्च तक सुनिश्चित कर लें, तभी 31 तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान हो सकेगी।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।