भारतीय रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 70 पैसे लुढ़ककर 74.96 के स्तर पर आ गया। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और अर्थव्यवस्था पर इसके असर के मद्देनजर निवेशकों ने तेजी से बिकवाली की, जिसका नकारात्मक असर रुपये पर देखने को मिला। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 172 हो गए हैं। कारोबारियों के मुताबिक, निवेशकों में बेचैनी हैं। दूसरे देशों के साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था भी कोरोना वायरस महामारी के कारण गहरे संकट में घिरती हुई दिख रही है। इस बीमारी के चलते दुनिया भर में लगभग 9,000 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग बीमार हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू इक्विटी बाजार में तेज गिरावट और विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने से कारोबारियों की चिंता और बढ़ी है। इन हालात के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया पिछले सत्र के मुकाबले 70 पैसे की कमजोरी के साथ 74.96 के स्तर पर खुला। रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 74.26 पर बंद हुआ था।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।