प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सारे देशवासियों को जमकर फिर प्रेरित किया ताकि कोरोना के राक्षस को हराया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया ने कोरोना को हराने में भारत के प्रयत्नों की भरपूर प्रशंसा की है। इसमें शक नहीं है दुनिया के महासंपन्न और महाशक्ति देशों के मुकाबले में भारत में कोरोना पर अब तक उल्लेखनीय नियंत्रण है। अब तक 137 करोड़ लोगों के देश में सिर्फ 520 लोगों को कोरोना हुआ और 11 लोग इसके शिकार हुए हैं लेकिन अगले दो-तीन हफ्तों में यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ सकती है, जैसा कि यूरोपीय देशों, अमेरिका और ईरान में हुआ है। इसीलिए मोदी ने अगले तीन हफ्ते तक सारे देश की तालाबंदी घोषित की है और कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 15 हजार करोड़ रु. की सरकारी मदद की घोषणा की है। मोदी ने देश के लोगों को वे सब सावधानियां बताईं, जिनका पालन करने से कोरोना को पराजित किया जा सकता है। ये सब सावधानियां पिछले कुछ दिनों से सभी टीवी चैनल और अखबार दोहरा रहे हैं लेकिन इस समय प्रधानमंत्री राष्ट्र की आवाज बन गए हैं। उनके आग्रह पर चमत्कारी असर की उम्मीद है। यदि मोदी इस तालाबंदी के अपवादों का भी जिक्र कर दे तो बेहतर होता। जो मोदी का विरोध करना ही अपना एकमात्र धर्म समझे हुए हैं, वे भी अंदर ही अंदर उनकी इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। शाहीन बाग के खाली होने पर सब कोई चुप हैं। यदि यही पहल एक माह पहले शुरु हो जाती तो भारत भी द. कोरिया या सिंगापुर की तरह सुरक्षित हो जाता लेकिन अब भी भारत सरकार के चीन से वे रहस्य तुरंत जानना चाहिए, जिनके चलते पूरा चीन और खासकर वुहान प्रांत कोरोना-मुक्त हो गया है। क्या वे ही गुर हम भारत में लागू नहीं कर सकते ? इस वक्त कोरोना किसी न किसी रुप में सारे भारत में फैल गया है। केरल से कश्मीर और गुजरात से मणिपुर तक उसने लगभग सभी प्रांतों को छू लिया है। लोग भयभीत तो हो ही गए हैं। उन्हें अब आर्थिक चिंता भी सता रही है। वित्तमंत्री ने आज व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए बहुत-सी रियायतों की घोषणा तो कर दी है लेकिन देश के दिहाड़ी मजदूरों, छोटे व्यापारियों और किसानों के घावों के लिए मरहम की घोषणा पता नहीं कब होगी ? मोदी ने लोगों को उटपटांग दवाइयां लेने पर सावधान किया है, यह तो ठीक है लेकिन भारत में विषाणु संक्रमण की रोक-थाम की जो पारंपरिक औषधियां हैं और हवन-सामग्रियां हैं, उनका जिक्र तक नहीं किया। उनसे कोरोना पर यदि काबू नहीं हुआ तो कोई नुकसान भी नहीं हो सकता। वास्तव में इस मौके पर भारत सारी दुनिया के लिए काफी बड़ा मददगार सिद्ध हो सकता है।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।