मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि युवा पीढ़ी की बौद्धिक क्षमता का उपयोग समाज और देश हित में करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति ही इस देश को सुरक्षित रखने और समृद्ध बनाने में सक्षम है। श्री कमल नाथ मध्यप्रदेश कुर्मी क्षत्रीय समाज के 20वें अखिल भारतीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युवाओं के पास ज्ञान है। समय रहते हमें इस ज्ञान संपदा का रचनात्मक उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि समाज के बुजुर्गों का दायित्व है कि वे भावी पीढ़ी को सामाजिक मूल्यों से जोड़ें। भारत की सभ्यता, संस्कृति और अनेकता को आज की पीढ़ी अपनाए, यह हमारा दायित्व है।
सोवियत संघ बिखर गया क्योंकि एकजुटता की संस्कृति नहीं थी
मुख्यमंत्री ने विश्व की महाशक्ति सोवियत संघ के बिखरने का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ एकजुटता की संस्कृति नहीं थी। सोवियत संघ के सरकार, समरसता और एक दूसरे के प्रति आदर-सम्मान की भावना नहीं होने के कारण ही टुकड़े-टुकड़े हो गए। उन्होंने कहा कि विश्व में ऐसा कोई देश भारत जैसा नहीं है, जिसकी इतनी भाषा, जाति, धर्म के साथ रहन-सहन, खान-पान के तरीके इतने अलग हों। इसके बावजूद हम सदियों से एकजुट होकर एक झंडे के नीचे खड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी अनेकता में एकता को ताज्जुब की दृष्टि से पूरी दुनिया देखती है, हमारी यह शक्ति बनी रहे। यह हम सभी का दायित्व है।
घोषणा नहीं करूंगा, काम करके दिखाऊंगा
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि पिछले 15 सालों में निरर्थक घोषणाओं से जनता का पेट भर गया है। घोषणाओं पर से जनता का विश्वास कम हुआ है। उन्होंने कहा कि इसलिए मैंने तय किया है कि मैं घोषणा नहीं करुंगा, काम करके दिखाऊंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्त की तालियों के बजाए जनता की अपेक्षाएं पूरी होने पर ही जनता की तालियाँ मुझे अच्छी लगेंगी।