लोक नृत्य राई के साथ 24वें बुन्देली उत्सव का पर्दा गिरा
छतरपुर। लोक नृत्य राई के साथ 24वें बुन्देली उत्सव का पर्दा गिर गया । नगडि?ा की थाप और बुन्देली गीतों के माधुर्य के बीच जब नृत्यांगनाओं ने राई नृत्य प्रस्तुत किया तो खचाखच भरा बसारी का राव बहादुर सिंह स्टेडियम झूम उठा। बुन्देली उत्सव की आखिरी शाम के मुख्य अतिथि विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह थे। इस अवसर पर कई विभूतियों को उनके सामाजिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। बुन्देली उत्सव के संरक्षक पूर्व विधायक मुन्नाराजा ने कहा कि अगले वर्ष बुन्देली उत्सव का रजत जयंती समारोह भव्य तरीके से मनाया जाएगा।
मुख्य अतिथि पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि 24 साल से हो रहा यह बुन्देली उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर को देश दुनिया में पहुंचाने का माध्यम बना है। उन्होंने कहा कि सही मायने में इस आयोजन एवं आयोजन के मुखिया मुन्नाराजा ने बुन्देली संस्कृति के कर्णधार के रूप में भूमिका निभाई है। अतिथियों का स्वागत करते हुए मुन्नाराजा ने कहा कि यह आयोजन बुन्देली विरासत की जड़ों को मजबूत करने के लिए 24 साल पहले शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि जिन पेड़ों की जड़ें मजबूत होती हैं उन्हें आंधियां भी हिला नहीं पाती लेकिन जिन पेड़ों की जड़ें कमजोर होती हैं वे जरा सी हवा में गिर जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा और संस्कृति को जड़ों की तरह सींचना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे भले अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाएं लेकिन उनसे बुन्देली में बात करें और उन्हें बुन्देली संस्कृति से अवगत कराएं ताकि हमारी विरासत खत्म न पाए। बाद में ललितपुर से आई मान सिंह पाल की टीम एवं जित्तू खरे बादल की टीमों ने देर रात तक लोक नृत्य राई पर प्रस्तुतियां दीं।
विभूतियां सम्मानित
बुन्देली उत्सव की आखिरी शाम बुन्देली विकास संस्थान ने अपने-अपने क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्य करने वालीं तीन विभूतियों को सम्मानित किया। लोक गायन के क्षेत्र में उर्मिला पाण्डेय को डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त स्मृति सम्मान से नवाजा गया तो वहीं प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए वरिष्ठ