सोनभद्र : ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र स्थित एक पत्थर खदान में शुक्रवार की शाम चट्टान धसकने से गिरे मलबे के नीचे दबने की घटना में करीब 15 घंटे बाद शनिवार की सुबह एक श्रमिक का शव बरामद किया गया। इसके पहले दो मजदूरों को गंभीर स्थिति में बाहर निकाला जा चुका है। अभी भी मलबे में चार लोगों के दबे होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। मलबा हटाने के लिए रेस्क्यू जारी है और सुबह एनडीआरएफ की टीम भी पहुंचकर राहत कार्य में जुट गई है।
घटना के दूसरे दिन शनिवार की सुबह साढ़े सात बजे पतेहरा गांव निवासी सुरेंद्र का शव निकाला गया। इसके पहले घटना के कुछ ही देर बाद स्थानीय लोगों की मदद से पतेहरा गांव निवासी रामलाल व निगाही टोला निवासी राजेंद्र सिंह को घायल अवस्था में निकाला गया था। घटना के बाद से ही मलबा हटाने का काम चल रहा है। शुक्रवार की रात में अंधेरा होने व और पत्थर गिरने की आशंका को देखते हुए रात में रेस्क्यू रोक दिया गया था। शनिवार की सुबह छह बजे जैसे ही पुन: रेस्क्यू शुरू हुआ पत्थरों के नीचे से सुरेंद्र(35) का शव बरामद हुआ। मलबे के नीचे अभी कितने लोग दबे हुए हैं, संख्या को लेकर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। पुलिस का कहना है कि चार और लोग दबे हो सकते है लेकिन घटना स्थल पर हादसे के बाद से मौजूद गुरमुरा के पतेहरा गांव की चंदा, उर्मिला व देवंती का कहना है कि उनके गांव के अभी भी चार लोग गायब हैं और सभी हादसे वाली पत्थर खदान में ही ड्रिल का कार्य करते थे। चंदा के मुताबिक उनका देवर छोटेलाल, गांव के गुलाब, शिवचरन व रामपाल लापता हैं। ये तीनों महिलाएं शुक्रवार की शाम घटना के बाद से ही वहीं मौजूद हैं और मलवा हटने का इंतजार कर रही हैं। महिलाओं ने मलबा हटाने में प्रशासनिक अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया। बताया कि काफी धीमी गति से काम किया जा रहा, जिससे वे परेशान हैं। इधर, सुबह साढ़े सात बजे के आसपास एनडीआरएफ की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई। इसी दौरान मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने घटना स्थल का दौरा करने के बाद एनडीआरएफ टीम के कमांडेंट व ड्यूटी में लगाए गए पांच थानों के प्रभारी निरीक्षकों को कई निर्देश दिया। जिलाधिकारी एस राजलिगम के निर्देश पर उपजिलाधिकारी यमुनाधर चौहान व नायब तहसीलदार तनुजा निगम घटना स्थल पर ही कैंप कर रहे हैं। बोले अधिकारी..