भाजपा के शासन काल में संबल योजना का हुआ था दुरूपयोग- भगत वर्मा
नीमच। पूर्व भाजपा सरकार के संबल योजना को कांग्रेस की सरकार आने के बाद कमलनाथ सरकार ने इस योजना का नाम बदल कर नया सवेरा योजना दिया गया पूर्व की संबल योजना में कई प्रकार की गड़बड़ियां होने के कारण कमलनाथ सरकार ने संबंधित विभागों केा पुनः सत्यापन करवाने के लिये आदेश जारी किये थे। सत्यापन होने के बाद कई चैकाने वाले अंकड़े सामने आये हैं। पूर्व की भाजपा सरकार के जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओ ने इस योजना का जमकर दुरूपयोग किया था। इस योजना में भाजपा समर्थित कार्यर्ताअेां जोड़ा गया था। इस योजना को लेकर नीमच जिला कांग्रेस के प्रवक्ता भगत वर्मा ने अपने एक बयान में कहा कि भाजपा के शासनकाल में कई बेरोजगार युवकों को भी श्रमिक बना दिया गया था। साथ ही साथ भाजपा समर्थित संपन्न लोगों को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया था। अनेक विसंगतियां होने के बाद इस संबल योजना को बंद कर सवेरा योजना के तहत इसे प्रारंभ किया गया। भाजपा के शासनकाल में पात्र श्रमिकों केा इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। श्रमिकों को हितों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को प्रारंभ किया गया था। ताकि राज्य व केंद्र सरकार की योजना का लाभ असंगठित श्रमिकों को मिल सके। इस योजना का नाम बदलने का प्रमुख कारण यह भी था कि श्रमिकों कों जो परिचय पत्रा जारी किये गये थे उन परिचय पत्रों पर शिवराजसिंह चैहान का फोटो लगा था। इसी कारण कमलनाथ सरकार ने सत्यापन करवाने का निर्णय लिया।
श्री वर्मा ने बताया कि नगरीय निकायों तथा जनपद पंचायतों में सर्वे का कार्य करवाया गया। तो चैंकाने वाले आंकड़े सामने आये तीन जनपद पंचायत तथा 12 नगर निकायों में 58952 श्रमिक अपात्र पायेे गये इन अपात्रों श्रमिकों को इस नया सवेरा योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। सत्यपन के समय अपात्राता के लिये मापदण्ड निर्धारित किये गये थे। श्रम विभाग के अनुसार एसे हितग्राहि को लाभ नहीं मिलेगा जहां पति पत्नि में से कोई एक सरकारी नौकरी में होगा। यदि कोई प्रायवेट नौकरी करता है। उसमें उसका जी पी एफ, ई पी एफ कटता है तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा यदि उस परिवार का कोई सदस्य मजदूरी करता है तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आयकर दाता ताथा एक हैक्टेयर से अधिक भूमी के मालिक को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। छत्तीस प्रकार की मजदूर श्रमिक श्रेणियों में सम्मिलित व्यक्तियों को ही लाभ मिल सकेगा। दिसंबर 2019 तक असंगठित श्रमिकों का भोतिक सत्यापन करवाया गया जिनकी संख्या 296950 है। इन सभी को संबल योजना के तहत जोड़ा गया है। सत्यापन के समय यह एक बड़ी बात सामने आई जिन श्रमिकों के भाजपा के शासनकाल में संबल कार्ड बने थे। उनमें से अधिकांश लोगों के नाम पते तक नहीं मिले संबंधित विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 302744 श्रमिकों के सत्यापन का लक्ष्य रखा गया था। जिसके तहत 237998 श्रमिक पात्रा पाये गये। तथा 58952 श्रमिक अपात्रा गये। सत्यापन के बाद इस योजना से 100912 श्रमिकों को बाहर किया गया है।
जिला कांग्रेस के प्रवक्ता श्री वर्मा ने आगे बताया कि नगरपालिका नीमच मे 24826 , श्रमिकों का सत्यापन कि या गया जिसमें 14147 श्रमिक अपात्र पाये गये इसी प्रकार जावद नगरपालिका में 317, मनासा नगर पंचायत 2028, रामपुरा नगरपंचायत 351 , कुकडे़श्वर 628 , जीरन में 299 ,अठाना 71, नयागांव में 77 .सिंगोली में 105; रतनगढ़ 205, डीकेन 244, सरवानिया महाराज में 364 श्रमिक अपात्र पाये गये इस प्रकार जावद जनपद में 22695, श्रमिक अपात्र पाये गये मनासा जनपद पंचायत में 6728, तथा नीमच जनपद पंचायत में 10600, श्रमिक अपात्र पाये गये। अभी वर्तमान समय में पूरे जिले में 54782 प्रकरण अभी भी लंबित हैं।