भोपाल। राज्यसभा चुनाव की कवायद पूरी होने के बाद भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में होने वाले वाले नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुट जाएगी। फिलहाल प्रदेश के अधिकांश नगर निगमों को कार्यकाल खत्म होने के कारण भंग कर दिया गया है। इन पर भाजपा का कब्जा था। कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस साल नगरीय निकाय चुनाव में कड़ी टक्कर होने की संभावना है। ऐसे हालात में भाजपा की तैयारी है कि वह हर नगर निगम में पार्षद से महापौर तक के टिकट के लिए चेहरे चिन्हित करने और सर्वे कराने आदि का काम राज्यसभा चुनाव के बाद प्रारंभ कर देगी। पार्टी अब नए चेहरों को आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।
लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 29 में से 28 सीट जीतने के बाद भाजपा नगरीय निकाय चुनाव में भी कोई कोरकसर नहीं छोडऩा चाहती है। भाजपा इन दिनों राज्यसभा चुनाव में व्यस्त है। पार्टी इसके बाद नगरीय निकाय की तैयारी में जुट जाएगी। भाजपा विधानसभा चुनाव की गलती न दोहराकर नगरीय निकाय चुनाव में नई पीढ़ी को सामने लाना चाहती है। पार्टी नेताओं की मानें तो राजनीति के पायदान पर ये छोटे चुनाव बेहद अहम होते हैं। यहां से एंट्री के बाद ही नए चेहरे विधानसभा और लोकसभा तक जाते हैं। संगठन चुनाव में पार्टी ने युवाओं को काफी संख्या में आगे बढ़ाया है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पिछले चुनाव में भाजपा सभी 16 नगर निगम में काबिज हो गई थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ इस बार पुराने परिणामों को दोहराना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है।