नई दिल्ली/हैदराबाद
दिल्ली में उपद्रव का धुआं छंटने का नाम नहीं ले रहा है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर हो रही हिंसा के आगे पुलिस बेहद असहाय नजर आ रही है। ऐसे में लोगों की जुबान पर आर्मी का विकल्प आने लगा है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के हालातों को देखते हुए इसे सेना के सुपुर्द कर देने की सलाह दी है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली की हालत बदतर होती जा रही है। यदि प्रधानमंत्री कार्यालय फिर से शांति चाहता है तो इस क्षेत्र को सेना के सुपुर्द कर देना चाहिए। पुलिसवालों ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही दिखाई और उन्मादी भीड़ के साथ नजर आई। जिंदगियों को सुरक्षित करने का एक मात्र उपाय अब क्षेत्र को सेना के हवाले कर देना ही है।
बता दें कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में भजनपुरा चौक के नजदीक दो समुदायों के बीच फिर से पत्थरबाजी शुरू हो गई है। इस घटना के बाद आसपास के क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। बता दें कि सेना के हाथों में सौंपने को लेकर सवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी किया गया था। इस पर उन्होंने कहा था, यदि इसकी आवश्यकता पड़ेगी तो निश्चित तौर पर ऐसा किया जाएगा लेकिन फिलहाल पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है। हमें आश्वासन दिया गया है कि (गृहमंत्री से मुलाकात के दौरान) आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।