मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कोदो-कुटकी के उत्पादन को दोगुना करने और इसके उपार्जन के साथ ही उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के होटलों में कोदो-कुटकी से बने व्यंजनों को मेन्यू में शामिल करने तथा उनके बिक्री केन्द्र भी अनिवार्य रूप से स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। श्री कमल नाथ मंत्रालय में मिलेट मिशन की समीक्षा कर रहे थे।
कोदो-कुटकी उपार्जन की नीति बनाई जाए
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा एवं मक्का ऐसी फसलें हैं, जो ज्यादातर आदिवासी इलाकों में होती हैं और जिसका जरूरत के मुताबिक आदिवासी उत्पादन करते हैं। उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी के उपार्जन की भी नीति बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने मिलेट मिशन के अंतर्गत आने वाली कोदो-कुटकी फसल के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के साथ ही किसानों को इसके लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रीमियम फसल है, जो स्वास्थ्यवर्धक है। इस कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी माँग है।
कोदो-कुटकी की जैविक खेती को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के सहयोग से कोदो-कुटकी के बुवाई क्षेत्र में डेढ़ गुना विस्तार करने के साथ ही आदिवासी किसान 50 प्रतिशत तक इन फसलों की बुवाई करें। इसके लिये कृषि और ग्रामीण विकास विभाग निजी क्षेत्रों के सहयोग से सुनियोजित रणनीति तैयार करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन फसलों की जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे हम किसानों की आय में 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा कर सकेंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री अजीत केसरी ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार मिलेट मिशन में कोदो-कुटकी, ज्वार, बाजरा की फसलों के जैविक एवं सामान्य उत्पादन को दोगना करने के लिए समयबद्ध कार्य-योजना बनाई गई है। ग्रामीण विकास विभाग के आजीविका मिशन, निजी क्षेत्र के एनजीओ, समितियों और फार्मर प्रोड्यूस कंपनियों के सहयोग से कार्य-योजना को क्रियान्वित किया जाएगा। श्री केसरी ने बताया कि मिलेट मिशन के अंतर्गत आने वाली फसलों के प्रमाणित बीजों के अनुसंधान पर भी काम किया जा रहा है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव, संचालक कृषि श्री संदीप सिंह एवं कृषि और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।