*दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस हिंसा की रिपोर्टिंग कर रहे 'Indian Express' के एक पत्रकार शिवनारायण राजपुरोहित मॉब का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। शिवनारायण राजपुरोहित ने अपनी आपबीती बताई है कि किस तरह उन्होंने भीड़ का सामना किया और भीड़ ने उनसे कहा कि 'हिंदू हो? बच गए।' इस पूरे वाकये के बारे में पत्रकार ने बताया कि -*
'उस वक्त दोपहर के करीब 1 बजे थे। नॉर्थईस्ट दिल्ली के करावल नगर के पास बीच सड़क पर एक बेकरी शॉप के कुछ सामान और फर्नीचर अधजली अवस्था में पड़े थे और मैं इस शॉप का फोन नंबर लिखते वक्त अचानक रुक गया। 40 वर्ष का एक युवक मेरे पास आया और उसने पूछा..'कौन हो तुम? यहां क्या कर रहे हो?...मैंने बताया कि मैं एक पत्रकार हूं। इसके बाद उसने मुझसे कहा कि 'मुझे अपना नोटबुक दो'..उसने नोटबुक को उलट-पलट कर देखा और उसे उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। उसमें सिर्फ कुछ फोन नंबर थे और उस स्थान के बारे में मेरे द्वारा आंखों देखी हालत लिखी हुई थी। उसने मुझे धमकी दी कि तुम यहां से रिपोर्टिंग नहीं कर सकते...उसने मेरे नोटबुक को जले हुए बेकरी के सामानों के बीच फेंक दिया।