बांदा। अभियुक्त के विरुद्ध जारी नोटिस को तामील कराकर डेढ़ माह बाद भी वापस न भेजने पर अदालत ने बबेरू थानाध्यक्ष को तामीला रिपोर्ट के सहित व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने और कारण बताने का आदेश दिया है। कहा है कि क्यों न आपके विरुद्ध न्यायालय के आदेश की अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद रिजवान अहमद ने जारी आदेश में राज्य बनाम शिवगुलाम क्रिमिनल रिवीजन (2019) की सुनवाई की, लेकिन विपक्ष (आरोपी) की ओर से कोई उपस्थित नहीं था। न्यायाधीश ने जारी आदेश में लिपिक की आख्या का हवाला देते हुए कहा कि 14 जनवरी 2020 को बबेरू थाने के पैरोकार को नोटिस तामील कराई गई थी, ताकि आरोपी को तामील कराएं। लेकिन अभी तक तामील कराने के बाद नोटिस अदालत को वापस नहीं आई। पैरोकार ने मौखिक रूप से अदालत को बताया कि यह अभी प्राप्त नहीं हुई है। न्यायाधीश ने कहा कि एक माह का समय व्यतीत हो जाने के बाद थाने द्वारा नोटिस का तामील न कराने अथवा अदम तामीला न्यायालय में वापस न भेजने संबंधित थानाध्यक्ष का अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में उपेक्षा और लापरवाही बरतने का द्योतक है। यह न्यायालय के आदेश की अवमानना की श्रेणी में आता है। अपर सत्र न्यायाधीश ने बबेरू थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि अगली पेशी पर नोटिस का तामीला या अदम तामीला (रिसीव न होने) की रिपोर्ट के साथ वह न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों और कारण बताएं कि क्यों और किन परिस्थितियों में उन्होंने नोटिस का तामीला कराकर रिपोर्ट न्यायालय को प्रस्तुत नहीं की?
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।