बांदा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास शनिवार (29 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की भले ही तैयारियां पूरी कर ली गईं हों, लेकिन एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि की खरीद अभी अधूरी है। एक्सप्रेस-वे में शामिल सातों जिलों में 150 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि की खरीद नहीं हो पाई है। बांदा और महोबा जिलों में तो यूपीडा ने भूमि अधिग्रहण के लिए इसी हफ्ते सूचना प्रकाशित की है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 फरवरी को चित्रकूट जिले के गोंडा गांव में कर रहे हैं। इसे जोरशोर से प्रचारित करने के साथ ही वहां विशाल जनसभा की तैयारियां चल रही हैं। सरकारी मशीनरी से लेकर सत्तारूढ़ दल के नेता और कार्यकर्ता इसमें जुटे हैं। कुछ गांवों में एक्सप्रेस-वे की जमीन को समतल करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। दूसरी तरफ स्थिति यह है कि एक्सप्रेस-वे के लिए चिह्नित की गई भूमि का अधिग्रहण,खरीद अब तक पूरी नहीं हो पाई है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) कर रही है। यूपीडा का कहना है कि लगभग 95 फीसदी जमीन अधिग्रहीत,खरीदी जा चुकी है। उधर, यूपीडा के ताजे आंकड़ों में सातों जिलों में करीब 150 हेक्टेयर भूमि की खरीद बाकी है। कई गांवों में तो अधिग्रहीत की गई भूमि के मामले अदालत पहुंच गए हैं। कानूनी अड़चनें आ रही हैं।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।