(जी.एन.एस) ता. 28
न्यूयॉर्क
कोरोना वायरस का असर अब बाजार में भी दिखने लगा है। अमेरिका का शेयर मार्केट 2008 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे कारोबारियों चिंता में पड़ गए हैं। कारोबारी अपने शेयर बेच रहे हैं। इससे पहले अमेरिका शेयर मार्केट 2008 में मंदी के दौर में सबसे बुरे दौर से गुजरा था। कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ती जा रही है। सोमवार को वैश्विक शेयर बाजारों के साथ ही यहां वॉल स्ट्रीट में देखा गया जब कारोबार की शुरुआत में ही डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज करीब 800 अंक यानी करीब 3 प्रतिशत तक नीचे आ गया था।
इस बीच व्हाइट हाउस के अर्थशास्त्री ने कहा कि चीन में कोरोना वायरस के फैलने का असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा, हालांकि असर कितना होगा इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। वॉल स्ट्रीट में सोमवार के शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस का असर अब दुनिया के दूसरे देशों में भी दिखने लगा है। दक्षिण कोरिया, इटली और ईरान में भी इस वायरस का प्रभाव देखा गया है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ने की आशंका व्यक्त की गई है। व्हाइट हाउस के अर्थशास्त्री ने यह आशंका जताई। व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार परिषद के कार्यवाहक निदेशक टॉमस फिलिपसन ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वास्तविक खतरा, कोरोना वायरस है। अभी हमें नहीं पता है लेकिन हम प्रतीक्षा करो और देखो की नीति पर चल रहे हैं।’’ एक राष्ट्रीय व्यावसायिक आर्थिक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि चीन में जो आर्थिक बंदी चल रही है उसका कोई असर नहीं होगा, यह होगा।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।