(जी.एन.एस) ता. 31
नई दिल्ही
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में आर्थिक मंदी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर अपना रुख फिर दोहराया है जिससे विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, राष्ट्रपति का अभिभाषण नए साल में सरकार का नीतिगत बयान होता है। मैं यह देखना चाहता था कि यह सरकार गंभीर आर्थिक मंदी से निपटने के लिए क्या इरादा रखती है? लेकिन मुझे इसमें कुछ नहीं मिला।
उन्होंने कहा, सरकार ने सीएए पर कठोर रुख दोहराया कि वह युवाओं, महिलाओं के विरोध प्रदर्शन से बेपरवाह है। लोकतांत्रिक प्रतिरोध को सरकार द्वारा खारिज करने से विरोध प्रदर्शन तेज होंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर नीति को सरकार ने जिस तरह बयां किया, उससे साफ है कि उसने पिछले छह महीनों में कुछ नहीं सीखा और वह कश्मीर घाटी में 75 लाख लोगों के साथ अन्याय और अपमान बढ़ाने को प्रतिबद्ध है।
संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार ने नागरिकता कानून को बनाकर गांधी जी की इच्छा को पूरा किया है। हालांकि नागरिकता कानून का जिक्र होते ही संसद में विपक्षी दलों ने इसका विरोध भी जताया। राष्ट्रपति ने बिना रुके कहा, मेरी सरकार यह पुन: स्पष्ट करती है कि भारत में आस्था रखने वाले और भारत की नागरिकता लेने के इच्छुक दुनिया के सभी पंथों के व्यक्तियों के लिए जो प्रक्रियाएं पहले थीं, वे आज भी वैसी ही हैं।
देश का ऑटोमोवाइल सेक्टर जल्द ही सवसे वड़े हव के रूम में अपनी पहचान वनाएगा। यह दावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष में भारत का ऑटोमोवाइल क्षेत्र दुनिया में पहले नंवर पर पहुंच जाएगा।