ग्वालियर जिले के शासकीय विद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होने के साथ विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा का बेहतर वातावरण प्राप्त हो, इसके लिए कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने संकुल प्राचार्य, जन शिक्षा केन्द्र प्रभारी प्राचार्च, बीओ, बीआरसी, बीएससी की आयोजित संयुक्त बैठक में आवश्यक निर्देश दिए। शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्र.-1 मुरार में रविवार को आयोजित बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विकास जोशी, डीपीसी श्री संजीव शर्मा, विद्यालय के प्राचार्य श्री जे पी मौर्य आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शासकीय विद्यालयों के शिक्षकों की योग्यता एवं वेतन निजी विद्यालयों के शिक्षकों से अधिक होने के बाद भी बच्चों की शिक्षा का स्तर एवं परीक्षा परिणाम शासकीय विद्यालयों के अनुरूप प्राप्त नहीं हो रहे हैं, जो शिक्षकों को सोचने के साथ इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। इसके लिए शिक्षकों को स्वयं भी अध्ययन करना जरूरी है।
कलेक्टर श्री चौधरी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि सभी विद्यालयों में पढ़ने वाले प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों की प्रोफाइल पंजी संधारित की जाए, जिसमें छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक स्तर, उपस्थिति आदि का उल्लेख हो। कलेक्टर ने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें जिले, प्रदेश एवं देश के संबंध में मूलभूत एवं सामान्य जानकारी भी दें। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि एक्सीलेंस स्कूल की तर्ज पर प्राचार्य कार्ययोजना तैयार करके भेजें, जिससे एक्सीलेंस स्कूलों के मापदण्डों के अनुरूप तीन अन्य एक्सीलेंस स्कूल भी शुरू करने की कार्रवाई की जा सके।
कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि वे विद्यालय में शिक्षा का बेहतर वातावरण देने के साथ कमजोर बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। ऐसे बच्चे जो स्कूल नहीं आ रहे हैं उन बच्चों के माता-पिता से चर्चा कर उन्हें स्कूल भेजने हेतु प्रेरित करें। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लें। उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रतिदिन पढ़ाए जाने वाले कार्य की डेली डायरी भी संधारित करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का विशेष महत्व होता है। शिक्षकों का दायित्व है कि वे अपने छात्र-छात्राओं को पूरी रूचि, ईमानदारी एवं तैयारी के साथ उन्हें अध्यापन कार्य कराएं। जिससे बच्चे जीवन में अपने शिक्षकों को याद भी कर सकें।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित एवं उपस्थित शिक्षक छात्र-छात्राओं की बाहर कक्षा लेते पाए गए जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि भविष्य में सभी कक्षायें अध्ययन कक्षों में ही लगें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षकों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए जाएं कि अवकाश स्वीकृत होने के पश्चात ही अवकाश पर जाएं। विद्यालय में अवकाश का आवेदन देने पर अनुपस्थिति की कार्रवाई की जायेगी। श्री वर्मा ने संकुल प्राचार्यों को निर्देश दिए कि वे अपने अधीनस्थ विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान जो कमियां पाई जाएं उन्हें मौके पर निराकरण की कार्रवाई करें और रोस्टर के अनुरूप विद्यालयों का निरीक्षण करें। श्री वर्मा ने कहा कि सभी शिक्षकों को निर्देश दिए जाएं कि विद्यालयों में अध्ययन करने वाले सभी बच्चे निर्धारित गणवेश में आएं और शिक्षक भी पद की गरिमा के अनुरूप परिधान पहनकर ही स्कूल पहुँचें।
बैठक के शुरू में जिला शिक्षा अधिकारी श्री विकास जोशी ने बैठक आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी शिक्षक समय पर अपनी संस्थाओं में उपस्थित हों और बिना सूचना के कोई भी शिक्षक अवकाश पर न जाए।
Nishpaksh Mat
कलेक्टर ने शिक्षा के गुणात्मक सुधार के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए निर्दश शिक्षक प्रत्येक छात्र-छात्रा का प्रोफाइल तैयार करें, एक्सीलेंस स्कूल की तर्ज पर तीन विद्यालय विकसित किए जायेंगे
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